नियमितीकरण और रोजगार सहायकों के वेतन वृद्धि की मांग,मनरेगाकर्मी 24 दिसम्बर को निकलेंगे न्याय यात्रा पर

पूरे सम्भाग के अधिकारी-कर्मचारी और रोजगार सहायक होंगे शामिल, नेहरू चौक में करेंगे प्रदर्शन

बिलासपुर। मनरेगाकर्मियों द्वारा सात माह पहले उग्र आंदोलन किया गया था। तब राज्य सरकार कुछ मांग पूरा करने का आश्वासन दी थी। इसके बाद ही आंदोलन खत्म हुआ था। लेकिन आंदोलन खत्म होने के सात माह बाद भी मनरेगा के अधिकारी कर्मचारियों की मांग पूरी नहीं हो पाई है। सरकार को वादा याद दिलाने के लिए 24 दिसम्बर को न्याय रैली निकाली जाएगी।

मनरेगा कर्मियो के माह अप्रेल-मई की भीषण गर्मी में 66 दिन के लंबे हड़ताल और संघर्ष के बाद राज्य सरकार के जनप्रतिनिधियों ने हड़ताली मंच पर जाकर पांच मांग पूरी करने वादा किया था। जिससे मनरेगा के अधिकारी हड़ताल स्थगित करवाया था। जिन मुद्दों में कर्मचारियों एवं सरकार की सहमति बनी थी उनमें से एक भी मांग पूरी न होने के साथ-साथ इसके विपरीत लगातार बढ़ते प्रशासनिक दबाव और राज्य स्तर से नियमों के तोड़-मरोड़ करने से परेशान मनरेगा कर्मचारी 24 दिसंबर को प्रदेश के 5 संभाग रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा में रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम संभाग आयुक्त को ज्ञापन सौपेंगे। ये कर्मचारी अल्प वेतनमान, बिना किसी सामाजिक सुरक्षा और कभी भी नौकरी से निकाले जाने के भय से मानसिक रूप से संघर्ष करते आ रहे हैं।

सरकार की बेरूखी और प्रशसनिक उच्च अधिकारियों की दबावगत नीतियों के उच्च अधिकारियों की दबावगत नीतियों के विरूद्ध इस यात्रा को इन्होंने न्याय यात्रा का नाम दिया है। छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के संरक्षक प्रमिल लठारे ने बताया कि बताया कि हड़ताल स्थगन के सात माह बाद भी हमारी एक भी मांग को सरकार से गंभीरता नहीं दिखाई।

हड़ताल अवधि का वेतन सहित दो सूत्रीय मांग क्रमश:रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण व नियमितिकरण और मनरेगा कर्मचारियों को पंचायत कर्मी का दर्जा दिए जाने हेतु सहमति बनी थी। मांगे तो पूरी नहीं हुई इसके विपरीत प्रशासनिक दबाव और शोषण जरूर बढ़ गया है। जिससे सभी कर्मचारी परेशान हैं। इसके लिए महासंघ ने निर्णय लिया न्याय यात्रा के माध्यम से सरकार से गुहार लगाएगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button